Cricket World Cup 2023: विश्व कप में भारतीय टीम कैसे पहुंच सकती है सेमीफाइनल में, ऐसा है पूरा समीकरण
CC ODI World Cup 2023 Rules: भारतीय टीम (Indian Cricket Team) इस बार मेजबान है. बता दें कि 5 अक्टूबर को विश्व कप का पहला मुकाबला इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीम से होगा. दोनों टीमें पिछले विश्व कप के फाइनल में एक दूसरे के खिलाफ खेली थी जिसमें इंग्लैंड को जीत मिली थी
World Cup 2023 equation, कैसे समीफाइनल में पहुंच सकती हैं टीमें
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023: वर्ल्ड कप 5 अक्टूबर से शुरू होगा. इस पूरे टूर्नामेंट में कुल 10 टीमें खेल रही हैं और कुल 48 मैच खेले जाएंगे. भारतीय क्रिकेट टीम इस बार मेजबान है. आपको बता दें कि 5 अक्टूबर को वर्ल्ड कप का पहला मैच इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीमों के बीच होगा. दोनों टीमें पिछले विश्व कप के फाइनल में एक-दूसरे के खिलाफ खेली थीं, जिसमें इंग्लैंड ने जीत हासिल की थी. आपको बता दें कि 10 टीमों में से टॉप 4 टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे टीमें सेमीफाइनल में पहुंच सकती हैं। इसके लिए टीमों को वर्ल्ड कप में किस तरह का प्रदर्शन दिखाना होगा?
यूसुफ पठान ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 के लिए टॉप चार टीमों का चयन किया, जो सेमीफाइनल में पहुंच सकती हैं।
सेमीफाइनल में कैसे पहुंच सकती है टीमें
इस बार सभी टीमों को 9 मैच एक दूसरे टीम से खेलनी है. ऐसे में यदि कोई टीम 9 मैच में से 7 मैच जीतने में सफल रहती है तो उस टीम के लिए सेमीफाइनल में पहुंचना आसान हो सकता है. इसके अलावा टीमों को अपने रन रेट पर भी ध्यान देते रहना होगा. यदि बारिश की वजह से मैच रद्द हुआ या फिर प्वाइंट्स को आपस में बांटने पड़े तो, यहां से वही टीम आगे जाएगी जिसका नेट रन रेट बेहतर होगा.
उदाहरण के तौर पर 2019 विश्व कप के दौरान न्यूजीलैंड को नेट रन रेट का फायदा मिला था, जिसके कारण प्वाइंट्स टेबल में पाकिस्तान पांचवें स्थान पर पहुंच गया था और कीवी टीम चौथे स्थान पर पहुंच गई थी. दोनों ही टीमों ने विश्व कप 2019 के दौरान 9 मैच में 5 मैच में जीत हासिल की थी. लेकिन बेहतर रन रेट के कारण न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा था. इस बार भी जो भी टीम 7 मैच जीतने में सफल रहेगी, उस टीम के लिए सेमीफाइनल में पहुंचना आसान हो सकता है.
भारत कैसे पहुंच सकता है सेमीफाइनल में
यानी इस बार यदि भारतीय टीम को सेमीफाइनल का रास्ता तय करना है तो उसे कम से अपने 9 मैच में से 7 मैच को हर हाल में जीतना होगा. वहीं, टीम को रन रेट पर भी फोकस शुरू से ही देते रहना होगा.
भारत पहली बार पूर्ण मेजबानी कर रहा है
यह पहली बार है कि भारत अकेले विश्व कप की मेजबानी कर रहा है। 2011 में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने मिलकर विश्व कप की मेजबानी की थी. आपको बता दें कि 2011 से पहले भारत ने 1987 और 1996 में विश्व कप की मेजबानी की थी, लेकिन अकेले नहीं।
वेस्टइंडीज विश्व कप में नहीं खेल रहा है.
दो बार की विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज इस बार विश्व कप का हिस्सा नहीं है, जो निश्चित रूप से आश्चर्यजनक है। दरअसल, वेस्टइंडीज विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका। आपको बता दें कि वेस्टइंडीज की टीम 1975 और 1979 की विश्व विजेता टीम है. इस बार आठ टीमों ने अपनी रैंकिंग के आधार पर सीधे विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया था. मेजबान होने के कारण भारत पहले ही क्वालिफाई कर चुका था. इन टीमों के अलावा श्रीलंका और नीदरलैंड्स ने क्वालीफाइंग राउंड में खेलकर विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
सीमा 70 मीटर से कम नहीं होगी.
इस बार वर्ल्ड कप के दौरान बाउंड्री 70 मीटर से कम नहीं होगी. आईसीसी ने पिच क्यूरेटर से कहा है कि पिच पर ज्यादा से ज्यादा घास रखी जाए. ऐसे में फैंस के लिए इस वर्ल्ड कप का मजा दोगुना होने वाला है.
सीमा गणना नियम समाप्त.
पिछले विश्व कप में जो टीम विजेता बनी थी उसे बाउंड्री काउंट नियम के आधार पर विजेता घोषित किया गया था। दरअसल, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेला गया फाइनल मैच टाई हो गया था. यह मैच सुपर ओवर में भी टाई हो गया था, जिसके बाद न्यूजीलैंड से ज्यादा बाउंड्री लगाने के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया था. आईसीसी के इस नियम की काफी आलोचना भी हुई थी.
सॉफ्ट सिग्नल का उपयोग नहीं किया जाएगा.
आईसीसी ने इस साल सॉफ्ट सिग्नल का नियम हटा दिया है. आईसीसी ने जून में इस नियम को हटा दिया था. हाल ही में सॉफ्ट सिग्नल नियम को लेकर काफी विवाद हुआ था. दरअसल, आईसीसी के इस नियम के मुताबिक मैदान पर मौजूद अंपायर अपने फैसले के लिए तीसरे अंपायर की मदद ले सकता है. अगर मैदानी अंपायर को लगता है कि कैच या एलबीडब्ल्यू के फैसले में कोई संदेह है तो अंपायर इस फैसले को तीसरे अंपायर के पास भेजता है। इसके अलावा मैदानी अंपायर को भी अपना फैसला तीसरे अंपायर को बताना होता था. अगर वीडियो फुटेज में पर्याप्त सबूत नहीं मिले तो मैदानी अंपायरों का फैसला सर्वमान्य माना जाता है. इस प्रक्रिया को सॉफ्ट सिग्नल नियम के नाम से जाना गया. ऐसे में थर्ड अंपायर का फैसला ही सर्वमान्य होगा.
इस बार मैच टाई हुआ तो क्या होगा?
इस बार आईसीसी ने फैसला किया है कि अगर कोई मैच टाई होता है तो उसका फैसला सुपर ओवर से होगा. और यदि सुपर ओवर भी टाई हो जाता है तो मैच का परिणाम घोषित होने तक सुपर ओवर बार-बार खेला जाएगा।