Eid-Ul-Fitr Wishes 2024: जब तक जिंदगी है, ये दुआ है हमारी, आप ईद के चांद की तरह जगमगाते रहें
हम ने तुझे देखा नहीं क्या ईद मनाएं जिस ने तुझे देखा हो उसे ईद मुबारक -
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए, आपका मुकद्दर इतना रोशन हो जाए, आमीन कहने से पहले ही, आपकी हर दुआ कबूल हो जाए. ईद 2024 की मुबारकबाद !
Eid 2024 date : आज ईद का पर्व भारत में मनाया जा रहा है. इस्लामिक कैलेंडर में रमजान साल का नौवां महीना है और दसवां महीना शव्वाल है और इसी महीने के पहले दिन इस्लाम धर्म को मानने वाले ईद मनाते हैं. आपको बता दें कि मुसलमानों के लिए ईद का त्योहार रोजे के अंत का प्रतीक होता है.ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में ईद पर दोस्तों और रिश्तेदारों को ईद की मुबारकबाद देने के लिए कुछ संदेश बता रहे हैं.
ईद-उल-फितर के बधाई संदेश | Eid-Ul-Fitr Wishes
आग़ाज़ है ईद, अंजाम भी ईद,
सच्चाई पर चलकर देखो तो,
हर दुख-दर्द है ईद,
जो कोई भी रखता है रोज़ा,
उन सभी के लिए अल्लाह की तरफ से,
इनाम है ईद.
हैप्पी ईद 2024!
ईद का पावन दिन है आया,
संग ये अपने बरकत है लाया,
हमेशा तुम खुश रहो कुछ ऐसे,
जैसे खुदा को पाया है तुमने.
आपको और आपके परिवार को,
ईद 2024 की शुभकामनाएं !
चांद को चांदनी मुबारक हो,
फ़लक को सितारे मुबारक हों,
सितारों को बुलंदी मुबारक हो,
आप सभी को हमारी तरफ से
ईद 2024 मुबारक हो !
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए,
आपका मुकद्दर इतना रोशन हो जाए,
आमीन कहने से पहले ही,
आपकी हर दुआ कबूल हो जाए.
ईद 2024 की मुबारकबाद !
सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल,
दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल,
चारों तरफ फैलाओ खुशियों के गीत,
इसी उम्मीद के साथ तुम्हें मुबारक हो ईद.
ईद मुबारक !
हम ने तुझे देखा नहीं क्या ईद मनाएं
जिस ने तुझे देखा हो उसे ईद मुबारक
जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से
दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
ईद मुबारक: राज्य में आज ईद धूमधाम से मनाई जा रही है; बाजारों में रात भर चहल-पहल रही और लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे।
आज ईद का जश्न है। ईद मुबारक के जश्न की वजह से राजधानी के बाजारों में पूरी रात चहल-पहल रही। आज पूरे शहर में ईद की नमाज़ अदा की गई।
बुधवार को चांद दिखते ही ईद का उत्साह पूरी दुनिया में फैल गया। ईद मुबारकबाद का सिलसिला शुरू होने के साथ ही राजधानी लखनऊ के बाजारों में पूरी रात चहल-पहल रही। शहर के प्रमुख बाजार अमीनाबाद, नजीराबाद, मौलवीगंज, नक्खास, चौक और खदरा समेत तमाम बाजारों में ईद उल फितर की चांदनी रात में पूरी रात खरीदारी कर ईद की खुशियां बांटी गईं। रात में भी इन बाजारों में दुकानें मेले की तरह खचाखच भरी रहीं। वहीं, घरेलू महिलाएं देर रात तक जागकर तैयारी करती रहीं ताकि ईद पर सेवइयों का मजा ले सकें। गुरुवार की सुबह नमाजियों और रोजेदारों ने नमाज अदा की।
रमजान के दौरान तीस दिन के रोजे पूरे करने वाले रोजेदार पूरी तरह निश्चिंत होकर बुधवार को ईद की तैयारियों में जुटे रहे। हजरतगंज, खदरा में दीनदयाल नगर बाजार, अमीनाबाद में गड़बड़झाला और नक्खास में चूड़ी वाली गली समेत शहर के सभी बाजारों में ईद की खरीदारी के लिए रात भर भीड़ लगी रही।
खुशियों के त्योहार ईद पर बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई अलग दिखना चाहता है। महिलाओं में सजने-संवरने के क्रेज के चलते वैवाहिक जीवन के प्रतीक के रूप में पहनी जाने वाली चूड़ियों पर भी फैशन का असर साफ दिखाई दे रहा है। नक्खास के चूड़ी वाली गली में चूड़ी विक्रेता मोहम्मद रिजवान के मुताबिक जनकन की पठान स्टाइल की चूड़ियां 100 रुपये दर्जन बिक रही हैं। इसके अलावा बहुरंगी और सफेद चूड़ियां भी खूब पसंद की जा रही हैं। बांबे क्रिस्टल आइटम की चूड़ियों के सेट भी महिलाओं में खूब पसंद किए जा रहे हैं। इस बार युवा वर्ग गुलबंद स्टाइल के आभूषणों की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहा है।
टोपी और कुर्ता-पायजामा की मांग खूब रही। ईद की नमाज के लिए टोपी और कुर्ता-पायजामा की खूब मांग रही। शहर के बाजारों में पारंपरिक कुर्ता-पायजामा और चिकनकारी के विभिन्न स्टाइल वाले कुर्ते सजे हैं। लोगों का पसंदीदा पहनावा अब भी पठानी सूट है। सबसे ज्यादा मांग सफेद कुर्ता-पायजामा के साथ रंग-बिरंगे सादे कुर्ते की है। पायजामा 100 से 200 रुपये के बीच में खरीदा जा सकता है, जबकि कुर्ते 250 से 1000 रुपये तक में हैं। कुर्ते के साथ पैंट भी खूब जंच रही है। नमाज के दौरान पहनने के लिए चटक रंग की सफेद जालीदार टोपियों की खूब मांग रही।
जिन्ना और लियाकत अली की शैली की टोपियां लोकप्रिय हैं, साथ ही चिश्ती, बांग्लादेशी, सऊदी मेहराबी, अफगानी, इंडोनेशियाई, पाकिस्तानी और लखनवी टोपियां भी लोकप्रिय हैं। टोपियों की कीमत 15 रुपये से 1200 रुपये के बीच है।
सेवइयां की बदौलत ईद और भी मीठी हो रही है।
ईद की खुशी के लिए सेवइयों की मिठास जरूरी है। ईद से एक सप्ताह पहले सेवइयों की खरीदारी शुरू हो जाती है, हालांकि ज्यादातर खरीदारी ईद की पूर्णिमा की शाम को की जाती है ताकि बेटियों और परिवार के सदस्यों के लिए त्योहारी उपहार खरीदे जा सकें। बाजार में बनारसी, इलाहाबादी, केसर और अन्य सेवइयों की कई वैरायटी उपलब्ध हैं। सेवइयां विक्रेता साबिर के मुताबिक बनारसी सेवइयां डिब्बों में पैक होने के कारण इसकी काफी मांग है। इसे उपहार के रूप में देना आसान है।